मैं तेरीआंखों को नशा, लबों को जाम लिखूं,
मैं तेरी जुल्फों को घटा, चहरे को चांद का दूसरा नाम लिखूं।
मैं तेरी पलकों को हया, जिस्म को चन्दन की तराश लिखूं,
मैं तेरी आवाज को रागनी, तेरी बातों को जन्नत का रवाब लिखूं।
मैं तेरी चाल को नदी, हुस्न को समंदर का सैलाब लिखूं,
मैं तेरी खुशबू को गुल,तेरे बदन को गुलिस्तान लिखूं।
तू मुझको देखे तो नज़्म, हंस दे तो यार लिखूं,
तू पास आए तो गज़ल, छू दे तो गज़ल की किताब लिखुं।

Waahh mere bhai jaan kya farmaya hai…
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Thanks bro
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👌👌👌शानदार
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वाॅह खुब
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Thank you ji🙏🙏❤️
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