मत देख मेरी आंखो में यहां मौसम बारिश का रहता है,
तेरा दामन है सूखा सा मुझे देख सहमा सा रहता है।
मैं रेत हूं, तूम अपना घर समंदर के किनारे मत बना,
तुझे ये मालूम नहीं कि तुमसे ज्यादा मुझे ये समंदर चाहता है।। *** आशीष रसीला***

मत देख मेरी आंखो में यहां मौसम बारिश का रहता है,
तेरा दामन है सूखा सा मुझे देख सहमा सा रहता है।
मैं रेत हूं, तूम अपना घर समंदर के किनारे मत बना,
तुझे ये मालूम नहीं कि तुमसे ज्यादा मुझे ये समंदर चाहता है।। *** आशीष रसीला***