अगर वो तेरा है तो उसे बांध के मत रख,
इश्क पाक रूह है तू उसे किसी पिंजरे में मत रख।
कैद तो कैद है किसी पंछी से पूछना,
मजबूरी का नाम तू मुहब्बत मत रख।
जिस दिन खुलेगा पिंजरा वो उड़ जायेगा,
वो सिर्फ तेरा है तू ये वहम भी मत रख।
मुझे मालूम है उसको खोने से तुझे डर लगता है,
मेरी गुजारिश है कि मुहब्बत में सिर्फ पाने कि जिद मत रख।।
***आशीष रसीला***

बहुत खूब।
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