तन्हाइयों के होते कोई तन्हा नहीं होता,
हर दिल तोड़ने वाला सनम, बेवफा नहीं होता।
मुसाफिर थककर सो जाता है बहुत बार,
ये मंजिलों का रास्ता उम्र भर नहीं सोता।
ये अजीब पुराना शहर देखा नए ज़माने का,
सुना है यहां कोई हादसा नहीं होता।
और ये सफेद लिबास में लिपटी हुई लाशें है,
हर सफेद रंग में लिपटने वाला फरिश्ता नहीं होता।।
***आशीष रसीला***

Nice
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