अर्ज़ किया है,
ज़िन्दगी जी चुके है बहुत, अब मरने की तैयारी है,
अब डर किस बात का, मौत का फतवा जारी है।
ज़िन्दगी तूने मुझे ज़ख़्म दिए है बहुत,
तू सम्भल, अब तेरी बारी है।।
***आशीष रसीला***

अर्ज़ किया है,
ज़िन्दगी जी चुके है बहुत, अब मरने की तैयारी है,
अब डर किस बात का, मौत का फतवा जारी है।
ज़िन्दगी तूने मुझे ज़ख़्म दिए है बहुत,
तू सम्भल, अब तेरी बारी है।।
***आशीष रसीला***
बहुत ही खूब
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