कल रात आसमां में चांद को एक नज़र तकता रहा,
मैंने उसको जमीं का चांद अभी दिखाया नहीं,
लोग तुझे चांद का टुकड़ा कहते है,
मगर अफसोस वो तेरी तरह मुस्कुराया नहीं।।
***आशीष रसीला***

कल रात आसमां में चांद को एक नज़र तकता रहा,
मैंने उसको जमीं का चांद अभी दिखाया नहीं,
लोग तुझे चांद का टुकड़ा कहते है,
मगर अफसोस वो तेरी तरह मुस्कुराया नहीं।।
***आशीष रसीला***
Awesome
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Shukriya 🙏
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