कोरोना के महायोद्धा —-
कोई पूछे मुझसे, की क्या तुमने खुदा को देखा है ?
मैं कहूंगा, कि मैंने नहीं देखा ख़ुदा को मगर, मैंने कुछ ख़ुदा सा देखा है।
हां शायद मैंने ख़ुदा को देखा है।
जब विश्व कैद था घर की चार दिवारी में,
दुनिया में मौत का कहर बरसाया चाईना कि करोना महामारी ने।
मैंने मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर को बंद होकर मौत का तमाशा देखते देखा है,
तब उस वक्त मैंने पुलिस, डॉक्टर सफाईकर्मी को मौत से दुनियां को बचाते देखा है।
हां शायद मैं कहूंगा आज की मैंने ख़ुदा को देखा है,
हम सो जाते थे रात को कम्बल ओढ़कर,
मां – बाप अपने बच्चों को अपने सीने से लपेटकर।
मैंने डॉक्टर, पुलिस,सफाईकर्मी के बच्चों को अपने मां बाप के लिए तड़पते देखा है,
हां मैंने बलिदानी की राह में उनके बच्चों को अकेले सोते देखा है।
हां मैंने ख़ुदा को देखा है, हां मैंने ख़ुदा को देखा है।
करोना जब घुस गया विश्व के हर कोने – कोने में,
तब दुनिया पागल हुई थी मौत के डर से रोने में।
मैंने तब डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी को दुनियां का हाथ थामते देखा है,
हां मैंने ख़ुदा को मौत के पहरे पर खड़ा देखा है,
हां मैंने ख़ुदा को देखा है, हां मैंने ख़ुदा को देखा है।
नींद, आराम चैन सब त्याग उन्होंने विश्व अपने हाथों में लिया,
पूरी दुनिया को आराम से सोने दिया मगर खुद को जगने दिया।
मैंने ऐसे ही कुछ सूरज को धरती पर चमकते देखा है,
हां मैंने दुनिया की इस भीड़ में ख़ुदा को हमारे बीच ही देखा है,
हां मैंने ख़ुदा को देखा है, हां मैंने ख़ुदा को देखा है।
ये कर्ज है उनका इस पूरे विश्व पर,
जिन्होंने जीत पाई है करोना जैसी माहामारी पर,
हां मैंने उन योद्धाओं को करोना से लड़ते देखा है,
हां मैंने ख़ुदा को मानव जाति के लिए मौत से लड़ते देखा है।
हां मैंने ख़ुदा को देखा है, हां मैंने ख़ुदा को देखा है।
पूरे विश्व में जिन्होंने मानव जाति को बनाए रखा,
मौत के सामने खड़े होकर मौत से सीना लगाए रखा,
मैं नमन करता हूं विश्व के तमाम डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी को,
जिन्होंने हमारी जान के खातिर अपनी जान गवाई है,
अपनी जान हथेली पर रखकर जिन्होंने विश्व को राह दिखाई है।
मैंने मौत को ख़ुद जिनके कदमों में झुकते देखा है।
हां मैंने ख़ुदा के नाम को पुलिस, डॉक्टर, सफाईकर्मी स्थान पर देखा है,
हां मैंने ख़ुदा को देखा है, हां मैंने ख़ुदा को देखा है।।
Name- Ashish Rasila

बहुत सुन्दर
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Shukriya 🙏
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