तुम पूछते हो कि हम क्या लिखते हैं ,हम खुदा को जमीं पर ला कर उसके गुनाहों की दास्तान लिखते हैं | पंख टूट कर गिर जाने वाले परिंदे के अरमान लिखते हैं || ये आंधियां अपनी औकात मे रहें इसलिए हम तूफान लिखते हैं|| अब इससे ज्यादा और क्या कहूँ मेरे हुज़ूर हम अपने दुश्मन को ही अपनी जान लिखते है||
कुछ खास नहीं है बताने को ,
कुछ खास नहीं है जताने को||
कुछ शब्दों का जंजाल है अंदर,
जो शायद काफी है ये जिन्दगी बिताने को||
View all posts by ASHISH RASILA
Published
2 thoughts on “ज़माने का हुनर”
वाह , दो लाइनों में आपने जिंदगी का सार बता दिया 👌👌
Hello plzzzz mare help kro naa aap me is app pr new hu mujhe jada kuch pta nahi he aap plz mare post ko like kar ke dekho naa pta he nahi chal raha he ke mare bhe post sab tak poch gye he pzzzzzz
वाह , दो लाइनों में आपने जिंदगी का सार बता दिया 👌👌
LikeLiked by 2 people
Hello plzzzz mare help kro naa aap me is app pr new hu mujhe jada kuch pta nahi he aap plz mare post ko like kar ke dekho naa pta he nahi chal raha he ke mare bhe post sab tak poch gye he pzzzzzz
LikeLike