आसमान का सपना देखने वालों ,
इस जमीं का ज़िम्मा आपका है ।
बुझाकर दिया, अंधेरा देखा,
अब रोशनी का जिम्मा, आपका है ।
दर्द पर लतीफे पढ़ने वालों ,
अगला पन्ना, आपका है।
बारिश के तूफान में ओले पड़े,
खेत खलिहान, किसान का है ।
बची धान सरकारें खाएं,
सड़क पर किसान, आपका है ।
शहर की आग के पीछे तेज हवा,
अब अगला गांव, आपका है।
मैं बिखरा, तो वो टूटा ,
आगे उनसे रिश्ता, आपका है ।
पेड़ कटा, हवा जहरली हुई,
ये कुदरत का तोहफा, आपका है
कुछ चले गए, कुछ जाने वाले हैं,
अब सिर्फ इतंजार, आपका है ।।
*** आशीष रसीला***

बहुत खूब। उम्दा रचना। 👍💯
LikeLiked by 1 person
Shukriya ji 🙏
LikeLiked by 1 person