गम के समंदर में एक बूंद खुशी की ढूंढ़ लो,
जिदंगी अच्छी लगेगी, अगर जीने की वजह ढूंढ लो।
दस्तूर – ए – दुनियां बहुत हंसेगी तेरे बुरे हालों पर,
तुम अभी से बुरे हालों में, मुस्कुराने की वजह ढूंढ लो।
अंधेरा छोड़ो, तेरा साया भी कल तुझे रह – रह कर डरायेगा,
तुम अपनी आंखें बंद करो, अंधेरे में रोशनी ढूंढ़ लो।
राज क्या है समंदर का, तुम खुद ही जान जाओगे,
अगर डुबकी लगा कर गहराई में कुछ मोती ढूंढ लो ।
दुनियां घूम लो, मगर कोई बेहतर शख्स ना मिलेगा,
उसे ढूंढ सकते हो तो अपने अंदर ढूंढ लो ।।
***आशीष रसीला***
