मेरी एक तमन्ना

Ashish Rasila

मेरी एक तमन्ना है, कि मैं फिर से बच्चा बन जाऊं,
मिट्टी में लेट कर माँ से कुछ सिक्के  ले जाऊं।
ख़ुदा मुझे अमीरी का वो लम्हा बख्शे,
के बाप हाथ पकड़े और मैं पूरा शहर खरीद लाऊं।।

*** आशीष रसीला***

5 thoughts on “मेरी एक तमन्ना

  1. वाह ! क्या बात। लाजवाब।
    कितना कष्ट होता है दो पैसे कमाने में,
    बिल्कुल ही अनजान थे पापा के जमाने में।

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